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Friday, 12 February 2016

बालों की सभी समस्‍याओं के लिए आजमायें ये 3 आयुर्वेदिक तेल

बालों की सभी समस्‍याओं के लिए आजमायें ये 3 आयुर्वेदिक तेल


  • बालों की जड़ों को मजबूत करते है आयुर्वेदिक तेल।
  • गुडहल के तेल से बाल काले और सुंदर हो जाते है।
  • बालों को झड़ने और असमय सफेद होने से रोकता है।
  • बालों के लिए भृंगराज को बहुत उपयोगी माना जाता है।


आज आकर्षक व्‍यक्तित्‍व की चाह सभी को होती है और बाल हमारे व्यक्तित्‍व को खासतौर पर प्रभावित करते हैं। स्‍वस्‍थ और घने बालों के साथ व्‍यक्तित्‍व में निखार अपने आप आ जाता है। हालांकि आज की जीवनशैली अैर प्रदूषण भरे वातावरण में बालों की सुंदरता को कायम रखना मुश्किल हो गया है। लेकिन यह इतना भी मुश्किल नहीं है क्‍योंकि आयुर्वेदिक तेलों से बालों से मसाज कर, आप अपने बालों को खूबसूरत बना सकती है। आइए इस लेख के माध्‍यम से बालों को खूबसूरत बनाने वाले ऐसे ही कुछ आयुर्वेदिक तेलों के बारे में जानते हैं।

आयुर्वेदिक तेल सिर में जा कर बालों की जड़ों को मजबूत करने का काम करते है! यहां ऐसे ही कुछ तेलों की जानकारी दी गई है जो बालों की जड़ों और बालों को मुलायम करने के लिए, बालों का झड़ना रोकने के लिए, रुसी के लिए, बालों को सफेद होने से बचाने के लिए और बालों को चमक व चिकना करने के लिए इस्‍तेमाल किया जा सकता है!
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1 गुडहल का तेल

गुडहल का तेल कई समय से प्रयोग होता आ रहा है। इस तेल को लगाने से बाल काले और सुंदर हो जाते हैं। साथ ही यह तेल असमय सफेद बालों को बचाता है और उसमें ब्‍लैक शाइन लाता है। इसके अलावा गुडहल का तेल बालों को पतला होने और झड़ने से भी रोकता है।


गुडहल का तेल बनाने का उपाय

गुडहल का तेल बनाने के लिए आपको 3 से 4 गुड़हल के फूल और मुठ्ठीभर पत्तियां, एक चम्‍मच मेथी दाना और लगभग 250 ग्राम नारियल के तेल की जरूरत होती है। तेल बनाने के लिए सबसे पहले गुड़हल के फूल और पत्तियों को मिक्‍सी में पीसकर पेस्‍ट बना लें। फिर इसे एक बर्तन में लेकर इस पेस्‍ट में नारियल का तेल मिलाकर गर्म करें। इस पेस्‍ट को लगातार चलाते रहें। फिर इसमें मेथी दाना डालकर एक मिनट के लिए गर्म करें। ठंडा होने पर तेल को बोतल में भर लें। तेल का प्रयोग जब भी करें, हल्‍का गर्म जरूर कर लें।


2 बालों को काला करने में मददगार आंवले का तेल

बालों के झड़ने, असमय सफेद होने और बालों की अन्‍य समस्‍याओं के लिए आंवले का तेल बहुत फायदेमंद होता है। यह बालों के लिए सबसे अच्‍छा आयुर्वेदिक उपचार है। आंवला तेल में मौजूद विटामिन सी और आयरन, कैल्शियम, फॉस्‍फोरस जैसे पोषक तत्‍व बालों और स्कैल्प को हेल्दी रखने में मदद करते है। पहले की महिलाएं आंवला को एक प्राकृतिक डाई के रूप में प्रयोग करती थी। आंवले का तेल सफेद हो रहे बालों को काला करने में मदद करता है।


आंवले का तेल बनाने की विधि

इस तेल को बनाने के लिए थोड़े से आंवले लेकर उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर बारीक पेस्‍ट बना लें। इस पेस्‍ट को अपने हेयर ऑयल या फिर नारियल के तेल में मिलाकर बोतल के ढक्‍कन को कस के बंध कर दें। आंवले के तेल को अच्‍छे से मिक्‍स होने के लिए एक हफ्ते का समय लगेगा।एक हफ्ते के बाद तेल को छानकर किसी साफ बोतल में भर लें। इस तेल को आप अपने बालों में हफ्ते में एक या दो बार जरूर लगाएं। अपनी उंगलियों के पोरों को सिर पर हल्के-हल्के घुमाते हुए तेल लगाये। सिर धोने से 40 मिनट पहले यह तेल लगाएं।


3 भृंगराज तेल

आयुर्वेद में बालों के लिए भृंगराज को बहुत उपयोगी माना जाता है। इसे बालों का राजा कहा जाता है। आपके बाल झड़ रहे हो या आप रूसी की समस्‍या से निजात पाने चाहते हैं तो भृंगराज का इस्तेमाल आपके लिए अचूक औषधि साबित होगा। रोजाना भृंगराज तेल से बालों में मालिश करने से बाल काले और घने होते हैं। इससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है। इसे लगाने से बालों में रुसी भी कम होती है। यह सिर को ठंडक भी पहुंचाता है।


भृंगराज तेल बनाने की विधि

इसके लिए आप सबसे पहले भृंगराज के पत्तों का रस निकाल लें और उसमें उतनी ही मात्रा में नारियल का तेल मिलाकर धीमी आंच पर थोड़ी देर के लिए रख दें। केवल तेल रह जाए तो उसे उतार कर ठंडा कर लें। अगर धीमी आंच पर रखने से पहले आंवले का रस मिला लिया जाए तो तेल और भी अच्छा बनता है। इसके अलावा अगर बालों में रूसी हो या फिर बाल झड़ते हों तो इसके पत्तों का रस 15-20 मिलीग्राम लें। इस तेल का प्रयोग काफी फायदेमंद होता है। 

Thursday, 11 February 2016

सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपाय , कब्‍ज से छुटकारा , वजन घटाएं, म‍ालिश ,व्‍यायाम

अर्थराइटिस के लिए सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपाय
अर्थराइटिस का दर्द इतना तीव्र होता है कि व्यक्ति को चलने–फिरने और घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है।
    अर्थराइटिस
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    अर्थराइटिस
    अर्थराइटिस होने पर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है। सूजन के साथ-साथ उस स्‍थान पर दर्द भी होने लगता है। अर्थराइटिस का दर्द इतना तीव्र होता है कि व्यक्ति को चलने–फिरने और घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है।

    वजन घटाएं
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    वजन घटाएं
    मोटापे के शिकार लोगों में अर्थराइटिस की समस्‍या आम होती है। वजन को नियंत्रित करना इससे बचने का सबसे बेहतर और आसान तरीका है। हालांकि वजन बढ़ने के बाद कम करना आसान नहीं है। लेकिन फिर भी आपको अर्थराइटिस से बचने के लिए वजन कम करना जरूरी होता है।

    कब्‍ज से छुटकारा
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    कब्‍ज से छुटकारा
    अर्थराइटिस के रोग को रोकने के लिए कब्‍ज से छुटकारा पाना बहुत जरूरी होता है, इसके लिए अर्थराइटिस के रोगी को कुछ दिनों तक गुनगुना एनिमा देना चाहिए ताकि रोगी का पेट साफ हो।

    आहार
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    आहार
    विटामिन, एंटीऑक्सीडेन्ट और पौष्टिक तत्वों से भरपूर ताजे फल और सब्जियों का रस अर्थराइटिस के लिए अद्भुत उपचार है। लहसुन, मौसमी, संतरा, गाजर और चुकंदर के रस का पर्याप्त सेवन इस रोग से निजात दिलाने में सहायक है। साथ ही फूलगोभी का रस पीते रहने से जोड़ों के दर्द में लाभ मिलता है।

    गतिशीलता
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    गतिशीलता
    अर्थराइटिस रोगी को ना ही ज्यादा देर तक खाली बैठना चाहिए और न ही आवश्यकता से अधिक परिश्रम करना चाहिए, क्योंकि गतिहीनता के कारण जोड़ों में अकड़न आ जाती है, और अधिक परिश्रम से जोड़ों को हानि पहुंच सकती है।
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    म‍ालिश
    म‍ालिश
    स्‍टीम बाथ और शरीर की म‍ालिश अर्थराइटिस में काफी हद तक लाभ देती है। इसके लिए लहसुन के रस को कपूर में मिलाकर मालिश करना या फिर लाल तेल से मालिश करना आरामदेह रहता है। जैतून के तेल से भी मालिश करने से अर्थराइटिस की पीड़ा काफी कम हो जाती है।

  • व्‍यायाम
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    व्‍यायाम
    अर्थराइटिस से पी‍ड़ित लोगों को एक्‍सरसाइज करनी चाहिए। यदि आपको व्‍यायाम करने में परेशानी होती है तो आप अपने घर में भी टहल सकते हैं। व्‍यायाम और सुबह के समय टहलने के साथ ही यदि आप स्वि‍मिंग भी करते हैं तो यह भी आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
    अदरक

  • अदरक
    अर्थराइटिस के दर्द के उपचार में अदरक का सेवन बहुत ही फायदेमंद है। रोजाना दो सौ ग्राम अदरक दो बार लेने से दर्द में बहुत राहत मिलती है। हाल ही में हुए चिकित्‍सीय शोधों में भी यह साफ हो चुका है कि सूप, सोस और सलाद के साथ अदरक का सेवन अर्थराइटिस की समस्‍या में राहत देता है।
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    एलोवेराएलोवेरा
    एलोवेरा का सेवन केवल अर्थराइटिस के दर्द में ही आराम नहीं देता बल्कि अन्‍य बहुत सी बीमारियों में भी यह फायदेमंद है। एलोवेरा आपके इम्‍यून सिस्‍टम और ऊर्जा के स्‍तर को मजबूत करता है।
  • तांबा
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    तांबा
    तांबा भी अर्थराइटिस के दर्द से काफी हद तक राहत दिलाता है। कई लोग तो इसके दर्द से बचने के लिए तांबे के बर्तन में रखें पानी को पीते हैं। ऐसा माना जाता है कि तांबे में ऑक्सिकरण रोधी गुण होते हैं जो अर्थराइटिस में हो रही जलन को कम करने में सहायता करता है।


Yoga... The Surest Way of Complete Health


Yoga... The Surest Way of Complete Health

The Importance of Yoga Poses:

Yoga poses have been developed over centuries of research and experience. They have been found to be extremely effective in:
  • Increasing flexibility of the body and freeing all the energy blocks. Besides increasing flexibility, this leads to a healthier body.
  • Helping to lose excess flab and weight - another cause of ill health.
  • Massaging the internal organs of the body and the rarely stimulated parts such as the thyroid gland.
  • Helping to treat several health disorders - from common ones such as backaches and arthritis to 'seemingly' unrelated disorders such as stammering.
Importance of Yoga Poses
It is recommended to include some form of yoga positions and preferably a yoga routine in your life.

Wednesday, 10 February 2016

आंखों को स्‍वस्‍थ रखने के आसान उपाय

आंखों को स्‍वस्‍थ रखने के आसान उपाय

  • आंखों की सेहत के लिए खान-पान पर ध्यान दें।
  • आंखों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए विटामिन-ए युक्त आहार लें।
  • आंखों का मेकअप अच्छी क्वालिटी का प्रयोग करें।
  • समय-समय पर आंखों का चेकअप जरूर कराएं।


VIDEO : मानसून में त्‍वचा का रखें ख्‍याल

सुंदर आंखें इंसान की सुंदरता में चार चांद लगाती हैं क्योंकि इन्हीं अनमोल आंखों से वह कुदरत के खूबसूरत नजारों को देख पाता है। इसीलिए जरूरी है आंखों को बीमारियों से बचाना। यदि समय-समय पर आंखों की भी देखभाल की जाए तो काफी हद तक इसमें पैदा होने वाली समस्याओं पर रोक लगाई जा सकती है। साथ ही आंखों को बीमारियों से बचाने के लिए आंखों की सफाई और आंखों का व्या‍याम करना जरूरी है। आंखों की देखभाल के लिए विटामिन-ए युक्त भोजन भी करना चाहिए जो आंखों की रोशनी तेज करता है और आंखों की समस्याओं से व्यक्ति को बचाता है। आइए जानें आंखों की सेहत के नुस्खों के बारे में।
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नियमित रूप से करें आंखों की सफाई

आंखों के प्रति लापरवाही बरतने से आंखों से पानी आना, जलन, खुजली, आंखों का लाल होना, पीलापन आना, सूजना, धुंधला दिखने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं से आंखों को बचाने के लिए नियमित रूप से आंखों की सफाई करनी चाहिए। इसके लिए आप आंखों को दिन में 3-4 बार ठंडे पानी से अच्छीं तरह से धोएं।

आहार में लें पोषक तत्‍व

आंखों को बीमारी से बचाने के लिए विटामिन-ए और विटामिन के से भरपूर भोजन लेना चाहिए। दूध, मक्खन, गाजर, टमाटर, पपीता, अंडे, शुद्ध घी और हरी साग-सब्जियों इत्यादि का सेवन करना चाहिए। इसके सुबह उठकर पानी पीना, पूरे दिन में 8-9 गिलास पानी—पीना आंखों के लिए हितकर होता है जो शरीर में बढ़ते हुए विषैले पदार्थों को नष्ट करता है।
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भरपूर नींद लें

आंखों को आराम देने के लिए पर्याप्त आठ घंटे की नींद लेनी चाहिए। और साथ ही आंखों के आसपास की त्वचा को पुष्ट करने के लिए बादाम के तेल से आंखों के नीचे हल्के हाथ से मालिश करनी चाहिए। इससे आंखों के नीचे काले घेरे भी दूर होते हैं। इसके अलावा आंखों के नीचे एंटी रिंकल क्रीम लगानी चाहिए। एंटी रिंकल क्रीम में मौजूद तत्व होते है विटामिन सी और ग्रीन टी, जो आंखों के काले घेरे बनने से रोकने में लाभकारी है

कंप्‍यूटर से उचित दूरी

आंखों की सेहत के लिए जरूरी है कि उचित प्रकाश में ही बैठकर काम किया जाएं, फिर चाहे आप कंप्यूटर पर काम कर रहे हो या फिर पढ़ाई। बहुत नजदीक से निरंतर किसी चीज को देखने या ज्यादा देर तक कम्यूटर के सामने बैठने के कारण आंखों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इसलिए निरंतर आंखों पर जोर न डालें। बीच-बीच में अवकाश लेते रहें।
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समय-समय पर आंखों का चेकअप करायें  

आंखों में कोई समस्या, हो या न हो लेकिन समय-समय पर आंखों का चेकअप कराना चाहिए। खासकर डायबिटीज के रोगियों को समय-समय पर आंखों का चेकअप जरूर करवाना चाहिए क्योंकि डायबिटीज से आंखों पर नकारात्मक असर पड़ता है और लंबे समय तक डायबिटीज रहने पर अंधापन भी हो सकता है।

अच्छी क्वालिटी के उत्पादों का इस्‍तेमाल

आंखों को धूल-मिट्टी और धूप से बचाने के लिए बाहर निकलते समय आंखों पर शेड्स या चश्में का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही आंखों के मेकअप के लिए अच्छी क्वालिटी के उत्पादों का ही इस्तेमाल करें। आंखों पर जरूरत के हिसाब से मेकअप करना चाहिए, यानी काजल, सुरमा जैसी चीजें लगाने से बचना चाहिए।

अन्‍य उपाय

  • आंखों में थकान होने पर गुलाब जल में रूई भिगोकर आंखों पर रखने से आंखों को राहत मिलती है।
  • आंखों में दर्द होने पर दोनों हथेलियों को रगड़कर कुछ देर आंखों पर मलना अच्छा रहता है।
  • कंप्यूटर पर काम करते समय अपनी कुर्सी को कंप्यूटर की ऊंचाई के हिसाब से रखें। जिससे आंखों पर बहुत अधिक जोर न पड़े और टीवी कभी अंधेरे में न देखें, इससे आंखों पर बहुत जोर पड़ता है।
  • रात को सोने से पहले आंखों का मेकअप ध्यानपूर्वक हटाएं। 

आज के सुस्खे

सीने में जलन को ऐसे दूर करता है बेकिंग सोडा सीने में जलन के लिए अपनाये बेकिंग सोडा।

  • बेकिंग सोडा अतिरिक्त एसिड का मुकाबला करता है।
  • बेकिंग सोडा के साथ नींबू से भी राहत मिलती है।
  • आपको मतली या उल्‍टी का अनुभव हो सकता है।

एसिडिटी होने पर कई बार आपको भोजन नली या सीने में जलन की महसूस होती है। कभी-कभार ऐसा होना सामान्‍य बात है, लेकिन अगर आप लगातार इस तरह की जलन महसूस करते हैं तो यह एक गंभीर समस्‍या भी हो सकती है। लेकिन घबराइए नहीं, आपकी इस परेशानी का इलाज बेकिंग सोडा में छिपा है। जीं हां, घर की सफाई, खान-पान और सौंदर्य निखारने के लिए फायदेमंद बेकिंग सोडा आपकी इस परेशानी को दूर करने का बहुत कारगर और फायदेमंद उपाय है, आइए जानें कैसे।
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बेकिंग सोडा में अतिरिक्त एसिड का मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी और सामान्य रूप से एंटासिड मौजूद होता है। सोडा का मूल स्वभाव नमक और पानी के गठन से पेट में अतिरिक्त हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनाना होता है। जिससे गैस से राहत मिलती है और सीने की जलन दूर होती है।

बेकिंग सोडा का इस्‍तेमाल

  • बेकिंग सोडा के इस्तेमाल से इस समस्या में झट से फायदा होता है। एसिडिटी के कारण होने वाली सीने में जलन के लिए आप बेकिंग सोडा को अलग-अलग तरीके से इस्‍तेमाल कर सकते है। इसके लिए सबसे बेहतरीन तरीका है, एक गिलास पानी में एक चम्मच बेकिंग पाउडर मि‍लाकर पी लें। लेकिन ध्‍यान रहे कि इस उपाय को दिन में 3 बार से ज्‍यादा न आजमायें, क्‍योंकि इससे आपको नुकसान हो सकता है।
  • बेकिंग सोडा के साथ अदरक का इस्‍तेमाल भी आपको सीने में जलन से राहत दिलाता है। इसके लिए एक कप गर्म पानी में आधा चम्‍मच बेकिंग सोडा के साथ-साथ आधा चम्‍मच कद्दूकस किया हुआ अदरक मिला लें। इस पेय को पीने के बाद आप जलन से राहत महसूस करेंगे।
  • सीने में जलन को दूर करने के लिए आपने ठंडे दूध के बारे में सुना ही होगा। आप सीने में जलन होने पर एक गिलास दूध के साथ एक चम्‍मच बेकिंग सोडा मिलाकर भी पी सकते हैं। अगर आप लगातार इस समस्‍या से परेशान है तो आप सोते समय भी इस दूध का सेवन कर सकते हैं।   
  • बेकिंग सोडा के साथ नींबू लेने से भी सीने में जलन से राहत मिलती है। समस्‍या होने पर आधा कप गर्म पानी में कुछ बूंदे नींबू की निचोड़ लें। अब इस गर्म नींबू पानी में आधा चम्‍मच बेकिंग सोडा मिलाकर, इस घोल को पी लें।

सावधानियां

  • सीने में जलन से बचने के लिए बेकिंग सोडा का इस्‍तेमाल करने से पहले आपको कुछ बातों को ध्‍यान में रखना होगा।
  • बेकिंग सोडा में अत्‍यधिक मात्रा में सोडियम की मौजूदगी के कारण, सोडियम का सेवन कम करने वालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • नमक और सोडियम की मात्रा अधिक होने के कारण लगातार इन उपायों के प्रयोग से आपको मतली या उल्‍टी का अनुभव हो सकता है।
  • गर्भावस्‍था या नवजात शिशु होने पर महिलाओं को बेकिंग सोडा का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही 6 साल से कम उम्र के बच्‍चों को भी बेकिंग सोडा का उपयोग नहीं करना चाहिए।